नववर्ष पूरे विश्व में हर्ष उल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दिन कहीं आतिशबाजी की जाती है, तो कहीं धार्मिक भजन गाये जाते हैं। आइए. कुछ ऐसी ही प्रथाओं से आपका भी परिचय कराते हैं।


नववर्ष के दिन ऑस्ट्रेलिया में कंगारु को देखना शुभ मानते हैं। कहते हैं कि इसे देखने से धन में वृद्धि होती है, जीवन में खुशहाली आती है, नये नये दोस्त बनते हैं तथा व्यापार में हानि भी नहीं होती। इस दिन यहाँ कंगारू की नई तस्वीरें व मूर्तियां खरीदना भी शुभ समझा जाता है।


ब्राजील में इस दिन धार्मिक भजन गाने की प्रथा है। लोग किसी देवालय में एकत्रित होकर पहले दीप जलाते हैं फिर तरह-तरह की खुशबू से देवालय को महकाते हैं। मान्यता है कि नववर्ष में देव भजन करने से जीवन में शान्ति बनी रहती है, कभी प्राकृतिक आपदा परेशान नहीं करती।


अमेरिका में इस दिन जगह-जगह आतिशबाजी की जाती है। बच्चों से लेकर बूढ़ों तक जी भरकर तरह-तरह की आतिशबाजी करते हैं। आसमान में बड़े-बड़े गुब्बारे उड़ाते हैं।


नववर्ष की भोर में जर्मनी में लोकनृत्य करने की परम्परा है। यहाँ के लोक जीवन में ऐसा विश्वास किया जाता है कि नाचने से शरीर की कसरत तो होती ही है इससे उम्र भी लम्बी होती है तथा गाना गाने से जीवन में कई तरह की खुशियां हासिल होती है। इस दिन यहाँ आसमान में 51 तोपों की सलामी भी दी जाती है। सलामी देने का कार्य सेना के जवान करते हैं।


दक्षिण अफ्रीका के आदिवासी इस दिन शिकार करना पाप समझते हैं। वे इस दिन जंगल में घायल पशु-पक्षियों का इलाज करते हैं तथा वृक्षारोपण भी करते हैं।


कांगो के आदिवासी इस दिन परिन्दों को पकड़कर आसमान में उड़ाते हैं। उनका विश्वास है. ऐसा करने से हर मौसम का चक्र सही रहता है तथा फसलें भी प्रचुर मात्रा में होती है।