कोमोडो ड्रैगन डायनासोर परिवार का एकमात्र जीविन सदस्य है। इंडोनेशिया में पाए जाने वाले इन सरीसृपों को यहाँ की भाषा में 'ओरा' कहा जाता है। वैसे इनका जीवशास्त्रीय नाम वेरेलस कोमोडीनसिम है। दिखने में ये काफी डरावने लगते हैं।
इंडोनेशिया के कोमोडो, रिका, पाडार और फ्लोरेस द्वीपों में पाए जाने वाला कोमोडो मॉनिटर छिपकली जाति के जीवों में सबसे दीर्घकाय है। इस जाति के वयस्क नरों की औसत लम्बाई सात से आठ फुट तथा वजन 60 किलोग्राम तक होता है। वैसे इस जाति के नमूने की लम्बाई 30 फूट तक बताई गई है। ठीक तरह से नापने पर इसका एक नमूना 10 फुट 8 इंच निकला जोकि बीमा के सुल्तान द्वारा एक अमेरिकी प्राणी वैज्ञानिक को भेंट स्वरूप दिया गया था। सन् 1937 में इसे थोड़े समय के लिए अमेरिका के सेंट लुई जुआलॉजिकल गार्डन में प्रदर्शित किया गया था। उस वक्त उसकी लम्बाई 10 फुट 2 इंच तथा वजन 166 किलोग्राम था।
कोमोडो ड्रैगन की जीभ दो भागों में बंटी होती है। जब यह अपनी जीम को अंदर-बाहर कर पूंछ फटकारता है तो अच्छे-अच्छों के पसीने छूट जाते हैं। ये पैरों के बल रेंगकर चलते हैं। अपने वजन के कारण ये पेड़ों पर चढ़ नहीं पाते।
इनकी घाण शक्ति बड़ी तेज होती है जो इनके शिकार करने में बड़ी मददगार साबित होती है। बड़े कोमोडो ड्रैगन हिरण, भैंस, जंगली सुअर, घोड़े आदि को अपना शिकार बनाते हैं। पहले ये अपने शिकार को काटकर जख्मी कर देते हैं। इनकी लार में व्याप्त जहर शिकार को अधमरा कर देता है। इसके बाद रक्त की गंध के सहारे ये अपने शिकार तक पहुँच जाते हैं। ये तीन किलोमीटर दूर से ही रक्त की गंध पहचान लेते हैं।